आजकल स्टॉक मार्केट में कुछ शेयर इतनी तेजी से चलते हैं कि निवेशकों को पता भी नहीं चलता और कीमत 10-20% ऊपर पहुंच जाती है। ऐसा ही कुछ प्रिसिजन वायर्स इंडिया लिमिटेड (PWIL) के साथ हुआ, जिसका शेयर 17% बढ़कर ₹164.95 प्रति शेयर तक पहुंच गया। क्या है वजह? आइए, विस्तार से समझते हैं।

क्या थी तेजी की वजह?
PWIL, जो इनेमल्ड कॉपर वाइंडिंग वायर बनाती है, ने गुजरात में कॉपर वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने की योजना को मंजूरी दी है। ₹188 करोड़ के निवेश वाला यह प्रोजेक्ट जरोली, गुजरात में बनेगा। कंपनी ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति भी ले ली है और टर्म लोन की व्यवस्था भी पूरी कर ली है।
यह खबर आते ही मार्केट ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और शेयर ने एकदम से 17% की छलांग लगा दी। निवेशकों को लग रहा है कि यह कदम कंपनी के भविष्य के विकास को मजबूत करेगा।
कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य
- मार्केट कैप: ₹2,513.72 करोड़
- P/E अनुपात: 30.52 (इंडस्ट्री औसत 44.86 से काफी कम)
- डेट-टू-इक्विटी अनुपात: 0.19 (कम कर्ज, मजबूत बैलेंस शीट)
- रेवेन्यू ग्रोथ (Q3FY24-25): 22.05% (₹804.83 करोड़ → ₹982.27 करोड़)
- नेट प्रॉफिट ग्रोथ: 5% (₹18.05 करोड़ → ₹18.95 करोड़)
मैट्रिक | प्रिसिजन वायर्स | इंडस्ट्री औसत |
---|---|---|
P/E अनुपात | 30.52 | 44.86 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.19 | 0.45 |
रेवेन्यू ग्रोथ | 22.05% | 15-18% |
क्या अभी भी मौका है?
- पॉजिटिव पहलू:
- कॉपर रिसाइक्लिंग प्रोजेक्ट से लॉन्ग-टर्म ग्रोथ मिलेगी।
- कम कर्ज और स्थिर वित्तीय स्थिति है।
- रेवेन्यू लगातार बढ़ रहा है।
- जोखिम:
- नेट प्रॉफिट ग्रोथ धीमी है (केवल 5% YoY)।
- स्मॉल-कैप स्टॉक है, इसलिए अधिक उतार-चढ़ाव होगा।
अंतिम निष्कर्ष
प्रिसिजन वायर्स का शेयर अभी बुलिश मोमेंटम में है, लेकिन मार्केट कंडीशन और कंपनी के आगे के रिजल्ट्स पर नजर रखें। कॉपर इंडस्ट्री की मांग बढ़ने वाली है, और अगर यह प्रोजेक्ट सही से क्रियान्वित होता है, तो हमें इस स्टॉक में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है। पर ध्यान रखें शेयर बाजार काफी ज्यादा जोखिम से भरा है, सोच समझ कर रही कोई निर्णय ले।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न किDr NiveshIt" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।